आरोपियों ने खुद को सचिव व सरकारी अफसर बताकर लिया विश्वास में
देहरादून : अक्सर अपने खबरें पढ़ी होंगी कि किस तरह से सरकारी नौकरियों का झांसा देकर बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया जाता है। लेकिन, इस खबर को पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। क्योंकि, जिन लोगों के ऊपर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 6200000 (62 लाख) की ठगी का आरोप लगा है उन्होंने खुद को कोई छोटा-मोटा अधिकारी नहीं। बल्कि, सचिव स्तर तक का अधिकारी बताकर बेरोजगारों को विश्वास में लिया और प्रत्येक व्यक्ति की नौकरी के नाम पर 9 लाख की डिमांड की। विश्वास में लेकर 62 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। इस संबंध में पटेलनगर कोतवाली पुलिस से शिकायत की गई। जिसके बाद चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है आरोप है कि सचिवालय, परिवहन विभाग में क्लर्क सहित अन्य पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था। आरोपियों ने खुद को सरकारी अफसर बताकर ठगी की। बताया कि सचिवालय में बुलाया कर नियुक्ति पत्र दिए थे जो फर्जी निकले।
इस तरह जीता विश्वास—शिकायत के मुताबिक 07 मई 2019 को सचिवालय में बुलाकर मनोज नेगी से अपर सचिव बताकर मिलाया गया। 15 मई 2019 को चेतन पाण्डेय और कमल पाण्डेय ने सचिवालय में प्रवेश पत्र बनाकर सचिवालय ले जाया गया। सचिवालय में इंटरव्यू ललित बिष्ट ने लिया। 28 मई 2019 को दून चिकित्सालय में मेडिकल कराया गया। 04 जून 2020 ललित बिष्ट और मनोज नेगी ने सचिवालय बुलाकर अंगूठे और हस्ताक्षर करवा कर पद बताये । 06 जून 2019 को सचिवालय में बुलाकर चेतन पाण्डेय से बात करके ललित बिष्ट ने फर्जी नियुक्त पत्र सौंपे थे ।
ये दी गई शिकायत-शिकायतकर्ता मनीष कुमार पुत्र रामगोपाल निवासी गौशाला जिला मुजफ्फरनगर का कहना है कि साल 2018 में मेरठ निवासी परिचित बृजपाल सिंह के साथ देहरादून में एक शादी समारोह में आया था। शादी में कमल किशोर पाण्डे पुत्र गिरीश चंद्र पांडे निवासी सर्कुलर रोड और उसके भाई चेतन पांडे निवासी गली नंबर तीन, पटेलनगर से मिलवाया गया। चेतन पांडे ने खुद को सूचना विभाग में अधिकारी और कमल किशोर को प्रशासनिक अधिकारी बताया था। इसके बाद ललित बिष्ट व मनोज नेगी ने से मिलाया। बताया गया था कि, ललित निवासी सीपीडब्ल्यूडी कॉलोनी सचिवालय में सचिव हैं और मनोज नेगी को अपर सचिव बताया गया। बताया कि चारों सरकारी नौकरी लगवा सकते है। एक व्यक्ति की नौकरी के एवज में नौ लाख रुपये मांगे गए। मनीष ने अपने भाई के अलावा अन्य नौ परिचितों की नौकरी की बात की। इसके बाद सचिवालय में बुलाया गया और नियुक्ति पत्र दिए जो बाद में फर्जी निकले। नौ लोगों से कुल 62 लाख ऐंठ लिए गए। पटेलनगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक कमल किशोर , चेतन पांडे, ललित बिष्ट, मनोज नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।