देहरादून, देहरादून गांधी रोड इन्नामुल्लाह बिल्डिंग स्थित होटल के मालिक सहित उसके रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। बैंक मैनेजर की शिकायत के आधार पर नगर कोतवाली पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने, गाली गलौज, मारपीट के प्रयास के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।
आरोप है कि बैंक से लोन लिया और उसकी ईएमआई जमा नहीं की। बैंक अधिकारी जब लोन लेने पहुंचे तो उनके साथ अभद्रता करते हुए गाली गलौज की गई आरोप लगाया की मारपीट का प्रयास भी हुआ और धमकी भी दी गई। मुकदमा करने के बाद नगर कोतवाली पुलिस विवेचना में जुड़ गई है।
ये है पूरी शिकायत, पढ़े।।
शिकायत दी गई है कि
शिकायतकर्ता इण्डियन ओवरसीज बैंक (भारत सरकार का उपक्रम) की देहरादून मुख्य शाखा में तैनात मुख्य प्रबंधक है। आरोप लगाया कि एहसान कुरैशी पुत्र हाजी कुरैशी (मेसर्स दून दरबार (रॉयल फूड्स) के प्रोपराइटर, निवासी-186, ब्राह्मणवाला, निरंजनपुर, माजरा देहरादून हैं। एहसान कुरेशी ने फरवरी, 2023 में तहसील चौक स्थित इनामुल्लाह बिल्डिंग में “दून दरबार” नामक रेस्तरां की खरीद के लिए हमारी इंडियन ओवरसीज बैंक मुख्य शाखा से ऋण लिया है। बैंक से ऋण लेने के बाद, उधारकर्ता एहसान कुरेशी कभी भी कॉल करने पर बैंक नहीं आता है और जब भी बैंक अधिकारी उसके रेस्तरां का दौरा करते हैं तो वह अपने रेस्तरां में नहीं मिलता है। वह समय पर ऋण की ईएमआई का भुगतान नहीं करता है जिसके कारण बैंक अधिकारियों को नियमित रूप से उसकी दुकान पर जाना पड़ता है लेकिन श्री एहसान कुरैशी कभी भी अपनी दुकान पर उपलब्ध नहीं होते हैं। जब भी बैंक के अधिकारी रेस्तरा में जाते है तो वहाँ एहसान कुरैशी के रिश्तेदार हाजी सुभान कुरैशी (एहसान कुरैशी के के पिता), सलमान कुरैशी (एहसान कुरैशी के भाई), गुलफाम कुरेशी (एहसान के चाचा), फरमान कुरेशी (एहसान कुरैशी के (एहसान कुरैशी के भाई) और नवाब कुरैशी (एहसान कुरैशी के चचेरे भाई) और अन्य लोग बैंक के अधिकारियों से बतमीजी करते हुए गाली गलोच करते है और ऐसा करने के लिए एहसान कुरैशी उनको फोन से निर्देशित करता है।श्रीमान प्रार्थी (शाखा प्रबंधक श्री रामजी सिंह) दिनांक 06.01.2023 को लगभग 01:00 बजे, एहसान कुरैशी द्वारा लिए गए ऋण की किमत को मांगने रेस्तरां गया था। हमेशा की तरह एहसान कुरैशी वहां नहीं थे। आरोप लगाया है कि जब हमने एहसान कुरैशी को बुलाने के लिए कहा तो उपरोक्त लोगों ने 2 दर्जन रेस्तरां के कर्मचारियों और कुछ स्थानीय लोगों के साथ मुझे गाली देना और धमकी देना शुरू कर दिया कि तुम्हारी यहां आने की हिम्मत कैसे हुई। हम कोई पैसा नहीं देंगे!! तुम तुरंत इस जगह को छोड़ दो नहीं तो हम तुम्हारी हड्डियां तोड़ देंगे। हमें तुम्हारे बैंक आने जाने का समय भलीभाती पता है अब जो भी तुम्हारे साथ होगा उसके जिम्मेदार तुम स्वयं। होंगे। हमारे आदमी देहरादून के हर नुक्कड़ और कोने पर है। जो जानते हैं कि आपके साथ कैसे व्यवहार करना है। तुम्हारे काम निपटाने के लिए मुझे सिर्फ 50000 रुपये ।- (पचास हजार) खर्च करने होंगे। बैंक की लाखो की ईएमआई देने की बजाए कुछ पैसो में तुम्हें ठिकाने लगाना मेरे लिए ज्यादा आसान है।उन लोगों ने मेरे साथ हाथापाई करने की भी कोशिश की और मेरे पास वहाँ से अपनी जान बचाकर भागने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।महोदय, प्रार्थी आरा, बिहार (देहरादून से लगभग 1200 किमी दूर) का मूल निवासी है और यहां अकेला रहता है । मुझे उपरोक्त व्यक्तियों से असुरक्षा व जान का खतरा है। विदित है कि हाजी सुभान कुरैशी ( एहसान कुरैशी के पिता )सलमान कुरैशी (एहसान कुरैशी के चचेरे भाई), गुलफाम कुरैशी (एहसान के चाचा) फरमान कुरैशी (एहसान के भाई) और नवाब कुरैशी (एहसान के चचेरे भाई )हमारे कर्जदार नहीं है।हमारा कर्जदार एहसान कुरैशी है जो रेस्तरां में कभी नहीं मिलता और उसने बैंक से निपटने के लिए अपने लोगो को आगे करके बैंक के अधिकारियों से गाली गलोच करते है और सरकारी कार्य को बाधित कर रहे है। प्रार्थी को यह भी ज्ञात हुआ है कि उपरोक्त व्यक्तियों ने दूसरे सरकारी बैंकों से ऋण लेकर उसका भुगतान नहीं किया है और पैसा मांगने पर बतमीजी करते है। उपरोक्त व्यक्तियों और श्री एहसान कुरैशी ने पहले बैंक को झूठ बोलकर ऋण लिया और अब मुझे गाली और जान से मारने की धमकी दे रहे है।प्रार्थी का यह कानूनी अधिकार है कि वो ऋणी से अपने ऋण की वसूली हेतु उसके घर या बैंक में बंधक रेस्तरा पर बिना भय जा सके और ऋण की किश्तों के भुगतान की मांग कर सके। परंतु अब मुझे लगातार अपनी सुरक्षा का डर बना रहता है। अगर मुझे कुछ होता है या मुझे जान-माल का कोई भी नुकसान होता है तो एहसान कुरैशी, हाजी सुभान कुरेशी (एहसान कुरेशी के पिता), सलमान कुरैशी (एहसान कुरैशी के चचेरे भाई), गुलफाम कुरेशी (एहसान के चाचा), फरमान कुरेशी (एहसान कुरेशी के भाई) और नवाब कुरेशी (एहसान कुरैशी के चचेरे भाई) इसके लिए जिम्मेदार होंगे।उपर्युक्त व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मेरी शिकायत का संज्ञान लें और एहसान कुरेशी, हाजी सुभान कुरेशी (एहसान कुरैशी के पिता), सलमान कुरैशी (एहसान कुरैशी के चचेरे भाई), गुलफाम कुरेशी (एहसान के चाचा), फरमान कुरेशी (एहसान के भाई?) और नवाब कुरैशी (एहसान के चचेरे भाई) के खिलाफ ऑन ड्यूटी सरकारी अधिकारी को आपराधिक धमकी देने के लिए (आईपीसी 506 सरकारी कर्मचारी को गाली देना व सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए (आईपीसी 332 और 332) व एहसान कुरैशी द्वारा आपराधिक विश्वासघात करने भारतीय दंड साहिता की धारा 405 व उपरोक्त सभी व्यक्तियों पर धारा 102 भी व अन्य संबन्धित धाराओं में एफआइआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने की कृपा करे। इन व्यक्तियों से मुझे अपनी जान माल का खतरा है अतः आपसे निवेदन है कि शीघ्र अति शीघ्र उपरोक्त व्यक्तियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई करने की कृपा करे।उपरोक्त मामले में आपकी त्वरित कार्रवाई आपेक्षित है जिससे उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा किसी भी संभावित दुस्साहस को समय रहते रोका जा सके और प्रार्थी बिना भय अपने दायित्व का निर्वाह कर सके ।सादर (रामजी सिंह)मुख्य प्रबंधक इण्डियन ओवरसीज बैंक..पुलिस मुकदमा लिखने के बाद विवेचना कर रही है।