ऊधम सिंह नगर (24 जनवरी, 2025): उत्तराखंड में चुनावी माहौल में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिससे कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा है। कांग्रेस के नेता अनिल सिंह के एक बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। इस बयान में उन्होंने एक जाति विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद पार्टी के अंदर उबाल आ गया है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अनिल सिंह को नोटिस जारी किया है और उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।
विवाद का कारण: अनिल सिंह का बयान
गदरपुर में चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता अनिल सिंह का बयान सुनकर कई लोग चौंक गए। उन्होंने एक जाति विशेष को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिससे जातिवाद को लेकर विवाद खड़ा हो गया। उनका बयान उस वक्त सामने आया जब मतदान प्रक्रिया चल रही थी, और यह बयान तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इससे कांग्रेस पार्टी की छवि पर भी सवाल उठने लगे, क्योंकि पार्टी हमेशा समानता और एकता की बात करती रही है।
प्रदेश अध्यक्ष का कड़ा कदम
इस विवाद के बाद प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कड़ा कदम उठाते हुए अनिल सिंह को नोटिस भेजा है। माहरा ने कहा कि अगर अनिल सिंह 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण नहीं देते, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है। यह फैसला कांग्रेस पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने और पार्टी की छवि को बचाने के लिए लिया गया है। माहरा ने साफ किया कि इस तरह के बयान पार्टी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ हैं।
चंद्रा जोशी की स्थिति पर असर
इस विवाद का असर केवल अनिल सिंह पर नहीं पड़ा है, बल्कि उनकी पत्नी चंद्रा जोशी, जो गदरपुर पालिका से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार हैं, पर भी इसका असर पड़ सकता है। चुनावी प्रचार में इस विवाद के बीच पार्टी का प्रचार कमजोर हो सकता है, और विपक्षी पार्टियाँ इसका फायदा उठा सकती हैं। कांग्रेस को इस मामले को शीघ्र सुलझाने की जरूरत है ताकि उम्मीदवारों को प्रचार में कोई रुकावट न हो।
समाज में प्रतिक्रिया
विवादित बयान के बाद गदरपुर और आसपास के इलाकों में लोग नाराज हैं। कई स्थानीय नेताओं और जाति विशेष के लोगों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि इसने पार्टी के वोट बैंक को प्रभावित किया है। हालांकि, पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने की दिशा में करन माहरा का कदम सही माना जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।