नए दिशा-निर्देश लागू
उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक कार्यों को सुचारू बनाए रखने के लिए आईएएस अधिकारियों के लिए नई नीति लागू की है। इस आदेश के तहत अब किसी भी अधिकारी को मुख्यालय छोड़ने से पहले मुख्य सचिव (सीएस) की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि इससे अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी और प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी।
मुख्य सचिव के सख्त निर्देश
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के निर्देशानुसार, सभी आईएएस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय न छोड़ें। इस नीति को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शासन-प्रशासन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो और राज्य के कार्यों में देरी न हो।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
हाल ही में कई आईएएस अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हुआ। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने निर्देश दिया कि भविष्य में किसी भी अधिकारी को बिना सीएस की अनुमति के अवकाश नहीं दिया जाएगा।
नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई अधिकारी इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छुट्टी की पूर्व योजना बनाकर अनुमति लें, ताकि प्रशासनिक कार्यों पर कोई असर न पड़े।
नई नीति का प्रभाव
इस नीति के लागू होने से सरकारी कार्यों की दक्षता में सुधार होगा और शासन व्यवस्था अधिक प्रभावी होगी। अधिकारियों की मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित होने से जनता से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान संभव हो सकेगा।
सरकार की रणनीति आगे
सरकार इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निगरानी प्रणाली को और मजबूत कर रही है। आदेश के अनुपालन की समीक्षा नियमित रूप से की जाएगी और अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। यह कदम उत्तराखंड में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।