गुमराह कर परीक्षा में पास करवाने का प्रलोभन देने वाले गिरोह का भंडाफोड़
मुख्यमंत्री के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत की बड़ी कार्रवाई।
सम्पूर्ण प्रकरण की जांच में परीक्षा की सुचिता व गोपनीयता बरकरार-पुलिस
परीक्षा में पास कराने के एवज में 12 से 15 लाख की मांग की जा रही थी
देहरादून, 20 सितम्बर : यूकेएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा से एक दिन पहले शनिवार को नकल माफिया हाकम सिंह व उसके सहयोगी को उत्तराखंड एसटीएफ और दून पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया है। एसटीएफ और पुलिस कप्तान ने संयुक्त प्रेस ब्रीफ में गिरफ्तारी सहित मामले की जानकारी दी। बताया कि गुमराह कर परीक्षा में पास करवाने का प्रलोभन दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। आरोप है कि दोनों ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन देकर अभ्यर्थियो से 12 से 15 लाख रुपये की मांग की थी। परीक्षा में अभ्यर्थियों का स्वतः चयन होने पर पैसे स्वंय हड़पने और परीक्षा में सफल न होने वाले अभ्यर्थियों को आगे की परीक्षा में पैसों को एडजेस्ट करने के नाम पर अपने झांसे में लेने की योजना थी।
शनिवार देर शाम एसएसपी अजय सिंह और एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने इस संबंध में जानकारी साझा की। बताया कि 21 सितंबर (रविवार) को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग देहरादून द्वारा विभिन्न विभागों की स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। परीक्षा के दौरान असामाजिक तत्वों के सक्रिय होने और अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन देकर अपने झांसे में लिए जाने की संभावना के मदेद्नजर संदिग्ध व्यक्तियों पर सतर्क नजर थी। इसी दौरान संयुक्त पुलिस टीम को दो दिन पूर्व गोपनीय रूप से सूचना प्राप्त हुई कि परीक्षा के लिए कुछ लोगों गिरोह बनाकर अभ्यर्थियों को धोखा देने की नीयत से उन्हें परीक्षा में पास करने का प्रलोभन देकर मोटी धनराशि की मांग की जा रही है। सूचना पर देहरादून पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने गोपनीय रूप से जांच और सर्विलांस के माध्यम से जानकारी एकत्रित की।
-15 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग ने खोले राज—
एसटीएफ के हाथ एक ऑडियो रिकॉर्डिंग लगी थी। जिस संबंध में बताया गया कि 15 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग में मामले से संबंधित बातचीत रिकॉर्ड है। इसी रिकॉर्डिंग के आधार पर कार्रवाई की गई है। बताया गया कि जांच के दौरान पंकज गौड़ नाम के एक अभ्यर्थी का हाकम सिंह के संपर्क में होने की जानकारी मिली। व्यक्ति के द्वारा अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें परीक्षा में पास कराने के एवज में 12 से 15 लाख रुपए की मांग की जा रही थी। गोपनीय जांच के आधार पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के संबंध में जानकारी एकत्रित करते हुए हाकम सिंह निवासी ग्राम निवाड़ी पोस्ट बैटरी थाना मोरी जनपद उत्तरकाशी और पंकज गौड़ निवासी ग्राम कंडारी ब्लॉक नौगांव राजस्व थाना कंडारी बड़कोट उत्तरकाशी को पटेल नगर क्षेत्र से हिरासत में लिया गया। पटेल नगर में उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं रोकथाम के उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत निरीक्षक मुकेश त्यागी प्रभारी एसओजी ने अभियोग पंजीकृत कराया। बताया कि पूछताछ में पुलिस टीम को जानकारी मिली की अभ्यर्थियों को धोखा देने की नीयत से परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन देकर पैसों की मांग की गयी थी, यदि परीक्षार्थियों का परीक्षाओं में चयन स्वतः हो जाता तो आरोपी पैसे को अपने पास स्वयं रख लिया जाता। अभ्यार्थियों का चयन न होने की दशा में पैसे को आगे की परीक्षाओं में एडजेस्ट करने के नाम उन्हें अपने झांसे में लेने की योजना थी। बताया कि संपूर्ण प्रकरण की जांच में परीक्षा की सुचिता व गोपनीयता भंग होने को लेकर किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है।
-इनसेट–पंकज गौड़ को भी देनी थी आज की परीक्षा-
बताया गया है कि पंकज गौड़ खुद इस परीक्षा में अभ्यर्थी है। पंकज और हाकम एक ही क्षेत्र के रहने वाले है और काफी समय से परिचित है। पंकज गौड़ ने खरीब छह अभ्यर्थियों से संपर्क किया था। जिसमें 12 से 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का प्रलोभन दिया जा रहा था। एसटीएफ ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों से पंकज की बातचीत हुई उनसे पूछताछ की गई। किसी से भी पैसा लेने की पुष्टि नहीं हुई है।
–हाकम बोला मेरा कोई मतलब नहीं है—
पत्रकार वार्ता के बाद हाकम सिंह ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने का प्रयास किया। हाकम बोला कि मेरा कहीं से कहीं इस मामले में कोई लेना देना नहीं है। मेरा कोई मतलब नहीं है। परीक्षा में किसी तरह के लेन देन से भी इंकार किया है।
बयान–
-पूर्व में जो नकल में या नकल गिरोह में शामिल रहे उन पर निगरानी रखी जा रही है। इसी दौरान एक इनपुट मिला था, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की गई। सूचना पर वैरीफाइड की गई औ जो नंबर सामने आए थे, उनके जरिए छात्रों का वेरिफिकेशन किया गया था। छात्रों से पूछताछ के बाद हाकम और पंकज की गिरफ्तारी की गई। एग्जाम को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है।
अजय सिंह, एसटीएफ एसएसपी।
–बयान—
आरोपियों की योजना था कि परीक्षा में अभ्यर्थियों का स्वतः चयन होने पर पैसे रख लेंगे। परीक्षा में सफल ना होने वाले अभ्यर्थियों को आगे की परीक्षा में पैसों को एडजेस्ट करने के नाम पर अपने झांसे में रखने की योजना थी। दोनों का मकसद पैसा ऐंठना था। छात्रों से पूछताछ में स्पष्ट हुआ है कि किसी अभ्यर्थी ने पैसा नहीं दिया है। महज पैसा लेने का प्रयास किया गया था।
नवनीत भुल्लर, एसएसपी एसटीएफ।