सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना लगाने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
उत्तराखण्ड स्पेशल टास्क फोर्स ने किया खुलासा व कार्रवाई
उत्तराखण्ड/देहरादून : वाहन बीमा कराने वाली कंपनियों के पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया जा रह था। इस मामला का खुलासा करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि, बीमा के लिए फोर व्हीलर का नम्बर दिया जाता है। पेमेन्ट की कैलकुलेशन के समय टू-व्हीलर का चयन किया जाता है। डेटाबेस में फोर-व्हीलर का अंकित होता है। जबकि, पेमेंट टू-व्हीलर की जमा होती है।
बताया गया है कि, इस तरह से फोर व्हीलर बीमा की जीएसटी 18 प्रतिशत के हिसाब से 20 हजार जानी थी। वहीं, दो पहिया वाहन की 500 रुपये की जमा होती है। आरोपी प्रिंट निकाल कर फोटोशॉप से एडिट करके चार पहिया वाहन व धनराशि को बढ़ा देता है। वाहन स्वामी आरटीओ में चेक कराने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नम्बर, केवल इंश्योरेंस की वैलिडिटी प्रदर्शित होती है। जिससे वह असली लगता है।
दरअसल,देहरादून में फोर व्हीलर व कमर्शियल वाहनों का बीमा वास्तविक कीमत से बहुत ही कम रेट पर होने की जानकारी उत्तराखंड एसटीएफ को मिली। ऑनलाइन आरटीओ वेबसाइट या किसी भी पोर्टल पर चैक करने पर वह बीमा सही (वैलिड) प्रदर्शित हो रहा था। एसटीएफ ने आरटीओ कार्यालय के पास से प्रदीप गुप्ता पुत्र सन्तराम निवासी इंदिरा कॉलोनी, मंसूर हसन पुत्र मंजूर अहमद निवासी ब्रह्मपुरी निरंजनपुर, महमूद पुत्र निवासी रक्षा विहार रायपुर रोड, नीरज कुमार गुप्ता पुत्र जनेश्वर गुप्ता निवासी सहारनपुर यूपी को गिरफ्तार किया। पता चला कि, साल 2018 व इसके बाद कोविड के दौरान सभी कंपनियों ने ऑनलाईन इंशोरेंस सुविधा देनी शुरू की। पेटीएम, फोन-पे, पॉलिसी बाजार ने ऑलाईन बीमा कराने के एड देने शुरू किए। ग्राहक, एजेंट ने ऑनलाइन पे-टीएम, फोन-पे, पॉलिसी बाजार से अलग अलग इंश्योरेंस कंपनी का बीमा कराया जाता है। एजेंसियों का एजेंट बनकर रजिस्ट्रेशन नम्बर से बीमा करते है।
तकनीकी कमी का उठाते है फायदा-
देशभर के आरटीओ के समस्त कार्य फिटनेस, वाहन ट्रांसफर, एनओसी, आईएनडी प्लेट, रजिस्ट्रेशन में बीमा होना आवश्यक होता है। जिसे आरटीओ कार्यालय ने मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे गवर्मेंट ऑफ इंडिया के पोर्टल पर चैक करने पर वह वाहन का केवल रजिस्ट्रेशन नम्बर व बीमें की वैलिडिटी प्रदर्शित करता है। जिसे आरटीओ कार्यालय द्वारा पास कर दिया जाता है। इस तकनीकी कमी का फायदा उठाकर देशभर में ठगी प्रथमद्रष्टया प्रकाश में आ रही है। जानकारी में आया है कि देश भर में इसी प्रकार से समस्त राज्यों में कुछ एजेंटों ने इसी प्रकार से बीमा किया जा रहा है। वाहन स्वामी ने भी कम पैसे के लालच में बीमा सर्टिफिकेट ले लिया जाता है। लगभग 24 कंपनियों द्वारा बीमें की सुविधा देश में ऑनलाइन अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से दी जा रही है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंहने बताया कि, घोटाला राजस्व चोरी (जीएसटी) का करोड़ों में होने का अनुमान है। छानबीन और तकनीकी पहलुओं के परीक्षण बाद चार दलालों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। मामला संवेदनशील है। देश भर में इस प्रकार की ठगी की संभावना व बड़े पैमाने पर राजस्व चोरी(जीएसटी) को देखते हुए परिवहन व सेल्स टैक्स विभाग को उचित माध्यम से पत्राचार भी किया जा रहा है।