रूहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति से की थी 1.47 करोड़ की साइबर ठगी
उत्तराखंड एसटीएफ ने हिमाचल सोलन से किया साइबर ठग गिरफ्तार
मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज होने की बात कह कर लिया था झांसे में
देहरादून, 01 सितम्बर (नवोदय टाइम्स) : रूहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति से 1.47 करोड रूपये की साईबर धोखाधड़ी करने वाले साइबर क्रिमनल को गिरफ्तार किया है। 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके साइबर धोखाधड़ी करने वालो को उत्तराखंड एसटीएफ ने सोलन हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज होने की बात कह कर झांसे में लिया था। आरोप है कि व्हाटसप कॉल करके कानूनी कार्रवाई का झूठा डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर रकम ऐंठी थी। खुद को महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर डराया धमकाया गया था।
एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि नैनीताल में रहने वाले रूहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति से 1.47 करोड रूपये की साईबर धोखाधड़ी राजेन्द्र कुमार हाल पता लीली अपार्टमेंट अमरावती बददी सोलन हिमाचल प्रदेश स्थायी पता–ग्राम लक्खीबंस थाना रादौर यमुनानगर हरियाणा को गिरफ्तार किया गया है। साइबर अपराधियों ने पीड़ित से बैंक खाते में 60 करोड़ की धनराशि प्राप्त होने और मनी लाण्ड्रिंग के तहत केस दर्ज होने की बात कही गयी थी। पीड़िता के सभी बैंक खातों का वैरिफिकेशन किये जाने की बात कहकर व्हाटसप कॉल पर ही डरा धमकाकर कानूनी कार्यवाही का भय दिखा कर डिजिटल अरेस्ट करते हुए अलग अलग खातों में कुल 1.47 करोड रूपये ट्रांसफर करवाए गए थे। शिकायते मिलने पर बीती में मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा सहित कुमाऊं रेज की टीम ने जांच पड़ताल शुरू की। डेटा के विश्लेषण से पुलिस टीम ने बैंक खातों और मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया। तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने के बाद आरोपी राजेन्द्र कुमार की सोलन थाना बद्दी हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तारी की गई। आरोपी के पास से 03 मोबाईल फोन, 03 सिम कार्ड, 02 चैक बुक, 03 हस्ताक्षरित चैक, 02 सैण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया का ब्लैंक चैक, 02 ब्लैंक चैक एक्सिस बैंक, 03 चैक इण्डियन ओवरसीज बैंक, 04 विभिन्न फर्मों की मोहरें, 03 विभिन्न बैंक के डेबिट कार्ड, जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, बिल बुक सहित अन्य सामान बरामद हुआ।
अपराध का तरीका:
अभियुक्त द्वारा पीडिता को महाराष्ट्र राज्य के साईबर क्राईम विभाग का अधिकारी बताकर महाराष्ट्र में ही गिरफ्तार एक अन्य व्यक्ति के केस में पीडिता के नाम पर खुले केनरा बैंक के खाते में मनी लांड्रिंग के तहत 60 करोड की धनराशि प्राप्त होने की बात कही गयी, जिसके लिये पीड़िता को व्हाटसप कॉल के माध्यम से लगातार सम्पर्क में रहने तथा किसी भी व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं रहने की हिदायत अपराधियों द्वारा दी जाती थी, व्हाटसप कॉल पर ही बैंक खातों के वैरिफिकेशन किये जाने को बोला जाता था, जिसके लिये साईबर अपराधियों द्वारा पीडित को डरा धमकाकर House Arrest / Digital Arrest होने की बात कहते हुए व्हाटसप कॉल के माध्यम से लगातार सम्पर्क में बने रहने की बात कहीं जाती थी । अभियुक्त द्वारा पीडितों से धोखाधडीपूर्वक प्राप्त की गयी धनराशि को तत्काल ही अन्य खातों में स्थानान्तरित कर दिया जाता था जिसके लिये अभियुक्त राजेन्द्र कुमार द्वारा साईबर धोखाधडी हेतु अलग-अलग व्यक्तियों के खातों का प्रयोग किया जा रहा था । फर्म कॉसमॉस इण्टरप्राईजेज लाभार्थी बैंक खाता जिसमें पीडिता द्वारा 50 लाख रूपये की धनराशि स्थानान्तरित की गयी थी उपरोक्त बैंक खाते को अन्य व्यक्तियों के नाम पर खुलवाकर इसका संचालन नैटबैंकिंग के लिये अभियुक्त राजेन्द्र कुमार के पास से बैंक खाते का रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर, घटना के समय प्रयुक्त मोबाईल डिवाईस, वाई-फाई राउटर व बैंक खाते से सम्बन्धित ब्लैंक हस्ताक्षरित चैक व फर्म से जुडे अन्य अभिलेख बरामद हुए हैं । प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें माह जून से अगस्त 25 तक ही लाखों रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है ।