• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
JANSABHABHARAT
  • होम
  • राष्ट्रीय ख़बरे
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • देहरादून
    • रुद्रप्रयाग
    • पौड़ी
    • टिहरी
    • हरिद्वार
    • पिथौरागढ़
    • नैनीताल
    • उधम सिंह नगर
    • चम्पावत
    • उत्तरकाशी
  • राजनीति
  • क्राइम
  • अन्य -राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • दिल्ली
    • पंजाब
    • बिहार
    • हिमाचल प्रदेश
    • हरियाणा
  • कोरोना
  • टेक
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय ख़बरे
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • देहरादून
    • रुद्रप्रयाग
    • पौड़ी
    • टिहरी
    • हरिद्वार
    • पिथौरागढ़
    • नैनीताल
    • उधम सिंह नगर
    • चम्पावत
    • उत्तरकाशी
  • राजनीति
  • क्राइम
  • अन्य -राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • दिल्ली
    • पंजाब
    • बिहार
    • हिमाचल प्रदेश
    • हरियाणा
  • कोरोना
  • टेक
No Result
View All Result
JANSABHABHARAT
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय ख़बरे
  • उत्तराखंड
  • राजनीति
  • क्राइम
  • अन्य -राज्य
  • कोरोना
  • टेक
Home अन्य -राज्य

उतराखंडी लोक कला “ऐपण” को पहचान दिला रहा हैं भुली फाउंडेशन

jansabhabharat@gmail.com by jansabhabharat@gmail.com
March 17, 2022
in अन्य -राज्य, उत्तराखंड
0

देहरादून, जनसभा भारत : उत्तराखंड की धरोहर और लोक कला ऐपण को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम भुली फाउंडेशन कर रही है। लोक कला ऐपण विलुप्ति की कगार पर थी। इसके संवर्धन और सुरक्षा का बीड़ा उठाते हुए लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। बताया की ऐपण उतराखंड के कुमायूँ की एक विशेष कला है। जिसका प्रयोग विशेष शुभ कार्यों मे किया जाता हैं

फाउंडेशन की सस्थापक दीपा धामी कठायत और ऐपण कला ट्रेनर ज्योति जोशी ने बताया कि, उनका मुख्य उद्देश्य विलुप्त होती उत्तराखंड की लोक कला ऐपण के संवर्धन के लिए विशेष प्रयास करना हैं। पिछले छह माह में करीब पांच सौ महिलाओं को ऐपण कला की ट्रेनिंग और जानकारी देकर अपनी संस्था के साथ जोड़ा जा चुका है। मौजूदा समय में देहरादून के बडोवाला में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बडोवाला की निवासी ममता कश्यप ने ऐपण कला की ट्रेनिंग के लिए महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया। शुक्लापुर से रीतिका काला और बबीता नौटियाल भुली फाउंडेशन के साथ ऐपण कला को बचाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

Spread the love
Tags: Bhuli Foundationdehradunfolk art Aipanrecognitionuttarakhandसंस्कृति
Previous Post

रिलायंस जीओ टावर लगाकर लाभ कमाने का झांसा, 14 लाख की धोखाधड़ी, गिरफ्तार

Next Post

पीएम मोदी की मौजूदगी में पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की ली शपथ

jansabhabharat@gmail.com

jansabhabharat@gmail.com

Next Post

पीएम मोदी की मौजूदगी में पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की ली शपथ

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Contect us : Support@jansabhabharat.com
Contact Us,
.Shabnoor Sana, 66/88 Ghosi Gali Dehradun, Uttarakhand-248001 Contact No : 9897902878
Email : jansabhabharat@gmail.com

Copyright © Jansabha Bharat News 2023. Design & Marketed By Hem Purohit.

No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय ख़बरे
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • देहरादून
    • रुद्रप्रयाग
    • पौड़ी
    • टिहरी
    • हरिद्वार
    • पिथौरागढ़
    • नैनीताल
    • उधम सिंह नगर
    • चम्पावत
    • उत्तरकाशी
  • राजनीति
  • क्राइम
  • अन्य -राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • दिल्ली
    • पंजाब
    • बिहार
    • हिमाचल प्रदेश
    • हरियाणा
  • कोरोना
  • टेक

Copyright © Jansabha Bharat News 2023. Design & Marketed By Hem Purohit.