देहरादून, जनसभा भारत : उत्तराखंड की धरोहर और लोक कला ऐपण को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम भुली फाउंडेशन कर रही है। लोक कला ऐपण विलुप्ति की कगार पर थी। इसके संवर्धन और सुरक्षा का बीड़ा उठाते हुए लोगों को स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। बताया की ऐपण उतराखंड के कुमायूँ की एक विशेष कला है। जिसका प्रयोग विशेष शुभ कार्यों मे किया जाता हैं
फाउंडेशन की सस्थापक दीपा धामी कठायत और ऐपण कला ट्रेनर ज्योति जोशी ने बताया कि, उनका मुख्य उद्देश्य विलुप्त होती उत्तराखंड की लोक कला ऐपण के संवर्धन के लिए विशेष प्रयास करना हैं। पिछले छह माह में करीब पांच सौ महिलाओं को ऐपण कला की ट्रेनिंग और जानकारी देकर अपनी संस्था के साथ जोड़ा जा चुका है। मौजूदा समय में देहरादून के बडोवाला में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बडोवाला की निवासी ममता कश्यप ने ऐपण कला की ट्रेनिंग के लिए महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया। शुक्लापुर से रीतिका काला और बबीता नौटियाल भुली फाउंडेशन के साथ ऐपण कला को बचाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।