रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन कब्जाने और पेड़ कटवाने के गंभीर आरोप
शासन से अनुमति मिलने के बाद राजपुर थाने में केस दर्ज
साल के पेड़ों को कटवा कर पद पोजीशन के दुरुपयोग का आरोप
उत्तराखंड/देहरादून : शासन की अनुमति के बाद पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू सहित आठ के खिलाफ राजपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन कब्जाने और पेड़ कटवाने के गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि बीएस सिद्धू ने आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि का तथाकथित मृतक फर्जी नत्थूराम को खड़ा कर लालच व सोच समझकर साजिश के तहत दीपक शर्मा, स्मित दीक्षित, सुभाष शर्मा, कृष्ण, महेन्द्र सिंह को षडयंत्र में सम्मिलित कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैनामा करवाया। अवैध रूप से कब्जा करने की मंशा से साल के पेड़ों को कटवा कर अपने पद पोजीशन का दुरुपयोग किया।
रायपुर थाना पुलिस के मुताबिक, डीएफओ मसूरी आशुतोष सिंह की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया।
बताया गया है कि, पू्र्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने सिद्धू ने साल 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीरगिरवाली गांव में 1.5 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन से मार्च 2013 में साल के पेड़ों काट दिया गया था। वन विभाग की जांच में पाया गया था कि काटे गए पेड़ जिस जमीन पर लगे थे वह जमीन रिजर्व फॉरेस्ट की है। आरोप लगे है कि बीएस सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी थी। मामला उजागर होने पर वन विभाग ने सिद्धू के खिलाफ जुर्म काटा था। इसके बाद में जमीन की रजिस्ट्री भी कैंसिल की गई थी। इस तमाम कार्रवाई के बीच वन विभाग ने रिजर्व फारेस्ट में जमीन कब्जाने और पेड़ कटान के आरोप में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति शासन से मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।
इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज-
बीएस सिद्धू, पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड निवासी उषा काॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, महेन्द्र सिंह एचयूएफ निवासी उषा कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड देहरादून, नत्थूराम निवासी 61 डिस्पेंसरी रोड काशीराम क्वार्टर देहरादून हाल निवासी रोहटा रसूलपुर तहसील सदर थाना सरूरपुर जनपद मेरठ उत्तर प्रदेश, दीपक शर्मा निवासी जेल चुंगी विक्टोरिया पार्क मेरठ उत्तर प्रदेश, स्मिता दीक्षित निवासी आरए बाजार तोपखाना मेरठ उत्तर प्रदेश। सुभाष शर्मा निवासी सी-20 लोहिया नगर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश, कृष्ण निवासी शिवपुरम मरेठ उत्तर प्रदेश शुजाउद्दीन तत्कालीन तहसीलदार तहसील सदर देहरादून के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
लगे है ये आरोप-
तहरीर में लिखा गया है कि राजस्व, ग्राम वीर गिरवाली (पुरानी मसूरी रोड) राजपुर देहरादून स्थित 19.09 एकड़ भूमि 01 मई 1970 में आरक्षित वन घोषित की गई थी। आरक्षित वन भूमि में से 0.7450 हेक्टेयर वन क्षेत्र भूमि बीएस सिद्धू पूर्व डीजीपी उत्तराखंड ने अपर महानिदेशक (रूल्स एंड मैनुअल्स व सीबीसीआईडी) उत्तराखंड के पद पर रहते हुए दीपक शर्मा व स्मिता दीक्षित दोनों अधिवक्ता मेरठ के कहने व आश्वासन पर और कथित फर्जी नत्थूराम के फर्जी व कूटरचित निवास प्रमाण, पहचान पत्र के आधार पर 21 मई 2012 को रजिस्टर्ड अनुबन्ध करवाया। जिसमें गवाह के तौर पर दीपक शर्मा और सुभाष शर्मा का नाम शामिल है। जबकि, नत्थूराम पुत्र मटकूमल की मृत्यु साल 1983 में हो चुकी थी । आरोप है कि विवादित होने के बावजूद रजिस्टर्ड अनुबंध की शर्त के खिलाफ बैनामा करा लिया। शुजाउद्दीन तत्कालीन अपर तहसीलदार ने लेखपाल की विपरीत आख्या के बावजूद आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि का दाखिल खारिज बीएस सिद्धू के पक्ष मे कर दिया गया था। आरोप है कि बीएस सिद्धू ने 09 जुलाई 2013 को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बदले वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए थाना राजपुर में धारा 420,166,167,504 बनाम डॉ. धीरज पाण्डेय प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी व अन्य कर्मचारियों को पंजीकृत करा दिया था। जिसकी पुष्टि सुभाष कुमार तत्कालीन मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने 03 मई 2014 को एनजीटी नई दिल्ली में प्रेषित शपथ पत्र से हुई। 27 अगस्त 2018 को एनजीटी नई दिल्ली ने बीएस सिद्धू को 46,14960 रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया था ।