राजस्थान/देहरादून। राजस्थान के मेहंदीपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मौत का रहस्य घटना के तीसरे दिन भी नहीं खुल सका। चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शवों को परिवार सदस्यों के सुपुर्द कर दिया गया है। वीरवार शाम शवों को लेकर परिवार देहरादून के लिए रवाना हो गया था। पोस्टमार्टम के बाद विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। शरीर में किसी तरह का कोई चोट का निशान नहीं मिला है। फाइनल रिपोर्ट के लिए सैंपल एफएसएल जांच के लिए भेजे गए है।
थाना टोडाभीम जिला करौली पुलिस जांच में पता चला था कि सुरेंद्र सिंह निवासी बांगखाला चकतुनवाला, थाना रायपुर देहरादून परिवार के साथ 13 जनवरी की सुबह मेहंदीपुर राजस्थान पहुंचे थे। मेहंदीपुर में रामाकृष्णा धर्मशाला में एक कमरा किराए पर लिया गया था। सुरेंद्र की पत्नी कमलेश, बेटी नीलम और बेटे नितिन साथ थे। 14 जनवरी की सुबह करीब छह बजे परिवार बालाजी के दर्शन करने गया और डेढ़ घंटे के बाद वापस धर्मशाला में लौटा था। सुरेंद्र और उनकी बेटी नीलम की तबीयत खराब हुई थी। उनका बेटा नितिन हॉस्पिटल ले गया था। हॉस्पिटल में उपचार के बाद दोनों धर्मशाला लौट आए थे। मंगलवार दोपहर चारों के शव धर्मशाला के कमरे में मिले थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो पता चला था कि धर्मशाला का कर्मचारी हाउस कीपिंग के लिए कमरे में गया। उसने देखा कि दरवाजा हल्का सा खुला हुआ है। देखा था कि चारों मृत अवस्था में पड़े थे। मौत के बाद सवालों की गुत्थी इसलिए उलझी हुई है। सुरेंद्र उपाध्याय आर्डिनेंस फैक्ट्री में चालक थे। उनका बेटा नितिन कर्मचारी था। पड़ोसियों का कहना है कि परिवार कई दशकों से यहां पर रह रहा था। बेटी नीलम का अपने ससुराल पक्ष से विवाद था। नितिन अविवाहित था।