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Home उत्तरकाशी

धारली आपदा: राज्यपाल ने कहा, मुख्यमंत्री फ्रंटलाइन लीडर , प्रभावितों के साथ हर पल खड़े हैं

jansabhabharat@gmail.com by jansabhabharat@gmail.com
August 14, 2025
in उत्तरकाशी, उत्तराखंड, खबर पहाड़, चमोली, चम्पावत, दिल्ली, देहरादून, नेशनल, नैनीताल, पर्यटन, पिथौरागढ़, पुलिस, बागेश्वर, राजनीति, राष्ट्रीय ख़बरे
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राज्यपाल ने राहत और बचाव कार्यों को सराहा

एसईओसी से की धराली में संचालित कार्यों की समीक्षा

कहा-मुख्यमंत्री फ्रंटलाइन लीडर, प्रभावितों के साथ हर पल खडे़ हैं

देहरादून।  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों की मदद तथा पुनर्वास हेतु किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली। साथ ही ग्राउंड जीरो पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देखा तथा वहां मौजूद अधिकारियों से चर्चा करते हुए उनका हौसला बढ़ाया।
राज्यपाल ने विपरीत परिस्थितियों में ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग बाधित होने, मौसम की चुनौतियों तथा बाधाओं के बावजूद भी महज पांच दिन के अंदर 1308 यात्रियों तथा स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इसके लिए उन्होंने सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी के साथ ही यूकाडा की पीठ थपथपाई।
उन्होंने कहा कि धराली आपदा बहुत भीषण थी और इस स्थिति को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने फ्रंटफुट पर आकर अत्यंत कुशलता से संभाला। उन्होंने फ्रंटलाइन लीडर के रूप में देश और दुनिया के सामने उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया और यह दिखाया कि विपदा के समय एक असल लीडर की भूमिका क्या होती है। उन्होंने कहा कि हर्षिल घाटी में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास और क्षतिपूर्ति की निगरानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं कर रहे हैं और इसमें कोई कमी नहीं रहेगी, इसे लेकर वह पूरी तरह आश्वस्त हैं।
उन्होंने कहा कि धराली तथा हर्षिल क्षेत्र में किए जा रहे राहत और बचाव कार्य सामूहिक उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है कि अनेक विभाग एक सामूहिक लक्ष्य व उत्तरदायित्व की पूर्ति के लिए दिन-रात युद्धस्तर पर कार्य करते हुए अपने कर्तव्य पथ पर डटे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन प्रयासों के चलते जल्द ही हर्षिल घाटी पुनः खुशहाल बनेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिस प्रकार धराली आपदा में सभी विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है, वह अत्यंत सराहनीय है। श्री राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न प्रकार की आपदाओं को लेकर अत्यंत संवेदनशील है और समय-समय पर ऐसी चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी रखना तथा निरंतर उनसे सीखना आवश्यक है।
श्री राज्यपाल ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का भी इस मुश्किल घड़ी में राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए आभार जताया। इस अवसर पर मा0 उपाध्यक्ष रा.स.स आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय कुमार रुहेला, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री आनंद स्वरूप, एससीईओ क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक कुमार आनंद, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद रहे।

मानसून अभी बाकी, हर पल एलर्ट रहना जरूरी

देहरादून। महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि मानसून अभी जारी है और आगे भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सभी उत्तरदायी अधिकारियों को चौबीस घंटे अलर्ट रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जितना हम सजग और सतर्क होंगे, उतना ही प्रभावी तरीके से आपदाओं का सामना कर सकेंगे। उन्होंने कहा की चुनौतियां कुछ भी हों, लेकिन जरूरी यह है कि हम उनका सामना किस प्रकार करते हैं। घटना से ज्यादा घटना को लेकर की गई प्रतिक्रिया मायने रखती है, क्योंकि यही प्रतिक्रिया सुनिश्चित करती है कि हम आपदा से होने वाले नुकसान को कितना कम कर सकते हैं।

धराली के अनुभवों का डॉक्यूमेंटशन किया जाए

देहरादून। श्री राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि धराली आपदा में जो भी कार्य राहत और बचाव दलों द्वारा किए जा रहे हैं, उनका डॉक्यूमेंटेशन किया जाए, विश्लेषण किया जाए और भविष्य के लिए एक रोडमैप बनाया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की चुनौतियों का सामना प्रभावी तरीके से किया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पास आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई अनुभव हैं और इनसे दुनिया को सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि धराली आपदा का न सिर्फ डॉक्यूमेंटेशन किया जाए बल्कि एक पुस्तक के रूप में भी पूरी दुनिया के सामने इस आपदा के दौरान विषम तथा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किए गए राहत कार्यों को प्रस्तुत किया जाए।

राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहा

देहरादून। श्री राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने राज्य सरकार द्वारा हर्षिल घाटी के लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने की दिशा में किए गए प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर विभिन्न आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों की ग्राउंड जीरो पर तैनाती की गई है। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई हैं। म0 राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि जल्द से जल्द हर्षिल घाटी में खुशहाली लौटेगी। उन्होंने इस पूरे रेस्क्यू अभियान में मीडिया की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से सही सूचनाएं लोगों तक पहुंची, जिससे किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।

डेली रिपोर्ट को सराहा, एसओपी को निंरतर अपडेट करते रहें

देहरादून। श्री राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने यूएसडीएमए द्वारा तैयार की जाने वाली डेली रिपोर्ट की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी समग्र रिपोर्ट है, जिसे पढ़कर उन्हें पूरे प्रदेश स्थिति की जानकारी मिल जाती है। दौरान उन्होंने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बनाई गई विभिन्न एसओपी को समय के साथ तथा आपदाओं का सामना करते हुए प्राप्त होने वाले अनुभवों के आधार पर निरंतर अपडेट करने के निर्देश दिए।

सचिव आपदा प्रबंधन ने राहत और बचाव कार्यों पर दिया अपडेट

देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने माननीय श्री राज्यपाल को धराली में 05 अगस्त को घटित आपदा के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि धराली तथा हर्षिल क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर एसडीआरएफ, एनडीआरफ, सेना, पुलिस विभाग, आइटीबीपी तथा बीआरओ के अतिरिक्त अन्य कई एजेंसियों के एक हजार से अधिक अधिकारी व कर्मचारी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। इस दौरान 1308 यात्रियों का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

ऑनलाइन राहत और बचाव कार्यों को देखा

इस दौरान ग्राउंड जीरो पर मौजूद यूएलएमएमसी, वाडिया, आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों से भी माननीय श्री राज्यपाल ऑनलाइन रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने मौके पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों को ऑनलाइन देखा। उन्होंने हर्षिल में बनी झील से जल निकासी को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। साथ ही धराली तथा मुखबा को जोड़ने वाले पुल की स्थिति के बारे में भी पूछा तथा पुल को नुकसान से बचाने के लिए किया जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार ने बताया कि हर्षिल में बन रही झीन को चैनलाइज किया गया है, जिससे इसके जलस्तर में थोड़ी कमी आई है। अभी बड़ी मशीनों से कार्य किया जाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि ड्रोन से खीर गंगा की रेकी की गई है और जल्द इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. डीपी कानूनगो ने बताया कि धराली में पुल को नुकसान पहुंचा रही भागीरथी नदी की धारा को चैनलाइन किया जाएगा ताकि पुल को कोई खतरा न हो। साथ ही डबरानी से सोनगाड़ के बीच वॉशआउट सड़क को गैबियन वॉल बनाकर सुचारू किया जाएगा।

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Tags: bharali aapda disaster Uttrakhand Uttarkashi rajyapal chief minister Pushkar Singh Dhami rescue work
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