यूकेएसएसएससी परीक्षा धांधली मामला-
पेपर लीक के लिए दो करोड़ में हुआ था सौदा, आरएमएस कंपनी का मालिक गिरफ्तार
आउट सोर्स कंपनी के मालिक राजेश चौहान के कहने पर रिश्तेदारों के पास पहुंचाई गई थी रकम
हाकम सिंह के करीबी केंद्रपाल का सालों से परिचित रहा है राजेश चौहान
उत्तर प्रदेश/देहरादून/देहरादून : स्नातक स्तरीय परीक्षा वीपीओ व वीपीडीओ प्रश्नपत्र लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ स्थित आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस लिमिटेड के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी की है। आरोप है कि पूर्व में गिरफ्तार जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के करीबी धामपुर निवासी केंद्रपाल का सालों से परिचित है। खुलासा किया गया है कि राजेश चौहान को पेपर की एवज मे दो करोड़ रुपये दिए गए थे। दो करोड़ रुपये राजेश चौहान के कहने पर ही राजेश चौहान के रिश्तेदारों को अलग अलग रकम के रुप में दिए गए। एसटीएफ उन लोगों की कुंडली भी खंगाल रही है जिनको पैसा दिया गया था। एसटीएफ ने दावा किया है कि अगले 24 से 48 घंटों के भीतर कई और महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो सकती है।
केंद्रपाल के राज उगलने पर हुई राजेश चौहान की गिरफ्तारी-
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में 24 वीं गिरफ्तारी केंद्रपाल पुत्र भीम सिंह निवासी टीचर कॉलोनी की हुई थी। लीक हुआ पेपर आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में छपा था। प्रश्नपत्र कंपनी के मालिक राजेश चौहान के माध्यम से हाकम सिंह व केंद्रपाल गैंग तक पहुंचाया। प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने की एवज में दो करोड़ लिए गए। एसटीएफ ने राजेश चौहान को पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाया साक्ष्यों के आधार पर राजेश कुमार पुत्र श्रीहर्ष रूप सिंह निवासी बी 2/97 सेक्टर जानकीपुरम लखनऊ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

कंपनी का टर्नओवर करीब वार्षिक 111 करोड़
एसटीएफ के मुताबिक राजेश चौहान की संपत्ति के संबंध में जांच की गई। राजेश चौहान की कंपनी का टर्नओवर करीब वार्षिक 111 करोड़ है। आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, टेक्नोटच सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में पार्टनरशिप, लखनऊ जानकीपुरम में घर, जानकीपुरम में ही पत्नी के नाम पर फ्लैट, लखनऊ में दो बीघा जमीन, बैंक बैलेंस करीब 20 लाख रुपये।
हाकम के बाद केंद्रपाल और अब राजेश चौहान
एसटीएफ ने शुरुआती दौर में कुछ कर्मचारियों की गिरफ्तारी कर खुलासे किए। इसके बाद मामला जिला पंचायत सदस्य व पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह की गिरफ्तारी तक पहुंचा। हाकम से मिली जानकारी के बाद ही एसटीएफ केंद्रपाल तक पहुंची थी। इसके बाद ही आउट सोर्स कंपनी के मालिक राजेश चौहान की गिरफ्तारी हुई।
आयोग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारी घेरे में
लगातार हो रही गिरफ्तारियों के बाद आयोग में बैठे कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल है। ये ही वजह है कि एसटीएफ का कहना है कि मामले की जांच जारी है। कड़ी से कड़ी जुड़ रही है। आपराधिक मामला हो या फिर लापरवाही सभी पहलुओं पर जांच जारी है। जांच के दायरे में आए हर व्यक्ति पर एक्शन होगा।
सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा धांधली मामला-
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कार्यालय से ही चुराया गया था पेपर
पेन ड्राइव से पेपर चुराने वाला आरोपी प्रदीप पाल गिरफ्तार।
26 सितंबर 2021 को सचिवालय रक्षक भर्ती आयोजित हुई थी
परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र मिल गया था।
यूकेएसएसएससी परीक्षा धांधली मामले में अब तक 26 गिरफ्तार
देहरादून: यूकेएसएसएससी परीक्षा धांधली में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे है। स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक में गिरफ्तारियों के बाद सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा धांधली की जांच शुरू हुई तो बड़ा खुलासा हो गया। जांच में पाया गया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बिल्डिंग से ही पेन ड्राइव के जरिए परीक्षा से पहले पेपर चुरा लिया गया था। पेपर चुराने का काम लखनऊ स्थिति आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस के कर्मचारी ने ही किया था। साक्ष्य मिलने के बाद कंपनी के कंप्यूटर ऑपरेटर प्रदीप पाल की गिरफ्तारी की गई है। आयोग में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बाद पेपर चुराने की पुष्टि हुई है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सचिवालय रक्षक भर्ती में कुल 33 पद हैं और 66 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। शारीरिक परीक्षा होनी शेष है। पता चला कि सचिवालय रक्षक का प्रश्न पत्र आयोग की बिल्डिंग में लगी प्रिंटिंग मशीनों में छपा था। जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। कंपनी के कर्मचारी प्रदीप पाल और उनकी टीम परीक्षा की तिथि से एक सप्ताह पहले आयोग में प्रश्न पत्र सेट करने/छपवाने के लिए आयोग की प्रिंटिंग प्रेस में रायपुर में आए थे। कंपनी के कर्मचारी प्रदीप पाल ने पेनड्राइव के माध्यम से यह पेपर चुराया। आयोग में जिस जगह प्रश्न पत्र छापा गया वहां का निरीक्षण किया। जिस लैपटॉप में प्रश्न पत्र तैयार किया गया था वह लैपटॉप कब्जे में लिया गया। जिस दिन पेपर छपाई का कार्य चल रहा था उस दौरान की सीसीटीवी (फुटेज जो आयोग द्वारा संरक्षित की गई थी) को कब्जे में लिया गया। विवेचना के दौरान कुछ ऐसे अभ्यर्थी चयनित कर बयान लिए गए है। जिनको प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही उपलब्ध हो गया था। साक्ष्यों के आधार पर प्रदीप पाल पुत्र गया प्रसाद निवासी ग्राम बलीपुर थाना हैदरगढ़ जिला बाराबंकी उत्तर को गिरफ्तार किया गया था।
देहरादून पाम सिटी में कंपनी के फ्लैट में रहता था प्रदीप

प्रदीप पाल 2017 से आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन लिमिटेड का कम्प्यूटर ऑपरेटर है। जो कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस संबंधी कार्य देखता है। अभियुक्त प्रदीप पाल द्वारा अपनी पूछताछ में बताया गया कि आयोग बिल्डिंग में पेपर छपने के दौरान मौका पाकर पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न चुराया गया था। चुराने के बाद उसके द्वारा जयजीत दास को दिया गया। बता दें की जय जीत की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, यूकेएसएसएसी भर्ती परीक्षा प्रकरण में एक माह के अल्प समय में प्रमुख अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। प्रकरण में अन्य दोषियों की गिरफ्तारी के लिए विवेचना जांच जारी रहेगी। साथ ही एसटीएफ को यूकेएसएसएससी द्वारा पूर्व में आयोजित कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) 2021 और वीडीओ भर्ती 2016 की जांच पर भी फोकस करने के निर्देश दिए गए। वीडीओ भर्ती परीक्षा 2016 की जांच भी एसटीएफ को ट्रांसफर कर दी गई है।
