उत्तराखंड : दीपावली के मौके पर अग्नि शमन विभाग अलर्ट है। मुख्य चौक चौराहों पर फायर टेंडर तैनात किए गए हैं। एक नवंबर तक कर्मियों की छुट्टी पर पाबंदी लगाई गई है। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही छुट्टी दी जायेगा।
वहीं सलाह दी गई है कि आतिशबाजी के दौरान कई तरह की सावधानियां बरतनी भी जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही काफी नुकसान पहुंचा सकती है। आंखों से लेकर शरीर के अन्य अंगों की सुरक्षा के लिए कई एहतियात बरतनी जरूरी है। इसको लेकर अग्निशमन विभाग ने भी जागरूक कार्यक्रम चलाए है। अपील की है कि आतिशबाजी के दौरान किस-किस तरह की सावधानियां बरतें, साथ ही मुख्यालय से आतिशबाजी की दुकानों के लिए भी राज्य के सभी जिलों के लिए निर्देश भी जारी किए गए।
अग्निशमन विभाग की ओर से सभी जनपदों के लिए निर्देश जारी किए गए है। जिसमें कहा गया है कि आतिशबाजी की दुकानें संकरी गलियों, भीड़-भाड़ वाले और प्रतिबंधित इलाकों में ना लगें। ग्राउंड और निश्चित दूरी पर आतिशबाजी लगाने की अनुमति के निर्देश दिए जा चुके है। इसके साथ ही सभी जिलों के मुख्खचौक चौराहों पर बड़े फायर टेंडर की तैनाती की गई है। वहीं, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मिनी टेंडर की तैनाती की गई है। बाजारों में अग्निशमन मोटरसाइकिल (बैग पैक सेट) तैनात किए गए है। किसी भी आग की घटना से निपटने के लिए वाटर कैनन, मिनी टेंडर, वाटर ब्राउजर के अलावा संकरी गलियों के लिए बैक पैक सेट है। हर परिस्थिति के लिए अग्निशमन कर्मी अलर्ट है। सभी रिजर्व यूनिट भी अलर्ट मोड पर है। कहा कि दिवाली का त्योहार अग्निशमन विभाग के लिए एक चैलेंज होता है। आग लगने की कई घटनाएं होती है। विभाग 24 घंटे अलर्ट मोड पर है।
संदीप कुमार राणा, उप निदेशक तकनीकी अग्नि शमन विभाग का कहना है कि
उत्तराखंड अग्निशमन विभाग की ओर से सभी जनपदों को निर्देश जारी किए गए है। पटाखों की दुकानों को लेकर नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। किसी भी आग की घटना से निपटने के लिए वाटर टेंडर और आग्नि शमन कर्मियों को मुश्तैद रखा गया है। आतिशबाजी करते समय किन किन बातों का ख्याल रखना चाहिए इसके लिए जागरूक कार्यक्रम भी चलाया गया। इस बात का ख्याल रखें की सावधानी ही सुरक्षा है।
आतिशबाजी करते समय रखें ख्याल-
-पटाखों को फोड़ते समय हमेशा हाथ की दूरी पर रखें।
-पास में बालू और पानी भर कर रखें
-किसी वजह से पटाखा ना फटे तो दोबारा जलाने का प्रयास ना करें
-आंख में जलन होती है तो मसले नहीं, ठंडे पानी से आंखे धोएं और डॉक्टर की सलाह लें
-धुएं से बचने के लिए मास्क पहने
-शरीर के खुले हिस्से में हल्का ऑयल लगा लें
– बड़ों की देखरेख में पटाखें जलाएं
-गाउन और छोटे कपड़े पहन कर पटाखे फोड़ने से बचें
-बच्चों को अकेला पटाखें जलाने के लिए ना भेजें, विशेष ध्यान रखें
-पटाखों के दुषप्रभाव से बचने के लिए चश्मे का इस्तेमाल करें
-घर के अंदर और चारों तरफ से बंद क्षेत्र में पटाखें फोड़ने से परहेज करें
-छोट बच्चे या बुजुर्ग के आस पास तेज आवाज के पटाखें ना फोड़े