मुख्य बिन्दु—
इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासे के बाद एसटीएफ का सख्त एक्शन-
225 करोड़ के लेनदेन की जानकारी देश-विदेश की एजेंसियों से सांझा-
एफबीआई, ईडी, सीबीआई, आईबी सहित अन्य एजेंसियों से जानकारी साझा-
एसटीएफ, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम ने छापा मारा था।-
1.26 करोड़ रुपये नगद, 250 लैपटॉप व 85 कम्प्यूटर जब्त किये गये थे-
उत्तरखंड/देहरादून-अवैध रूप से चलाए जा रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करने के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने संदिग्ध खातों में 225 करोड़ की धनराशि के लेनदेन की जानकारी देश विदेश की एजेंसियों से सांझा की जा रही है।
दरअसल, बीती 21 जुलाई को एसटीएफ, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम ने अवैध रूप से चल रहे अंतरराष्ट्रीय कॉल सेन्टर पर छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान 1.26 करोड़ रुपये नगद, 250 लैपटॉप व 85 कम्प्यूटर जब्त किये गये थे। मुकदमा दर्ज करने के बाद 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं, अन्य संदिग्ध और फरार आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। बताया गया है कि अवैध कॉल सेन्टर के साथ-साथ एक संदिग्ध मीडिया हाउस की जानकारी भी प्रकाश में आई है। हवाला के माध्यम से मनी लांड्रिंग की संभावना भी जाहिर की गई।
इन सभी एजेंसियों से साझा की जा रही है जानकारी–
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आसूचना ब्यूरो (आईबी), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी), डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (डीओटी), सीजीएसटी, एसडीएसटी के अलावा, राजस्व आसूचना निदेशालय ( डीआरआई), और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ जानकारी साझा की गई है।
बैंक खातों के विश्लेषण से अनुमानित 225 करोड़ के संदिग्ध धन के लेनदेन की जानकारी इन एजेंसियों से साझा की जा रही है। मुकदमे में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी से भी पत्राचार किया गया है। टोल फ्री नंबरों के सम्बन्ध में दुनियाभर से प्राप्त हजारों शिकायतों की जानकारी मांगी गई है। जिसकी जानकारी बहुत जल्द माइक्रोसॉफ्ट कंपनी देगी।
क्या कहना है कि एसएसपी एसटीएफ का-
एसटीएफ लगातार इस प्रकार के अवैध कॉल सेंटर पर प्रभावी कार्यवाही कर रही है, इस मामले में भी तह तक जाएगी और हर प्रकार के तथ्यों को खंगालेगी। जनता से अपील की है कि कस्टमर केयर से बता कर फोन करने वाले व्यक्ति की बातों में ना आएं और ना ही उसे अपने वॉलेट/बैंक सम्बन्धी को जानकारी साझा करें।
1930 पर सम्पर्क करें –
कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन व साईबर हेल्पलाईन 1930 पर सम्पर्क करें ।
ये है पूरा घटना क्रम—
बीती 21 जुलाई को न्यू रोड निकट एमकेपी चौक ग्रामीण बैंक के सामने एक तीन मंजिला बिल्डिंग में एसटीएफ और साइबर पुलिस ने दबिश देकर गिरफ्तारी की थी। फर्जी कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था। आरोप है कि अवैध इंटरनेशनल कॉल सेन्टर के जरिए माइक्रोसॉफ्ट ऑनलाईन सपोटर बन कर फर्जी हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया। विदेशी नागरिकों को डायलर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रोजन वायरस लैपटॉप रिपेयरिंग के अलावा अन्य सेवायें देने के एवज में क्यूआर कोड के माध्यम से पैसा लेकर धोखाधड़ी की गई। कई देशों के लोगों के साथ ठगी को अंजाम देने का आरोप है।