उत्तराखण्ड/देहरादून
गढ़वाल रेंज आईजी की सरकारी वाहन इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलर से लूटपाट के आरोप मामले में विभागीय जांच एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल ने पुरी कर सौपी दी है । चर्चा है कि जांच रिपोर्ट में पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपो की पुष्टी हो रही है। जिसके बाद बर्खास्तगी या फिर अन्य कार्रवाई को अमल में लाया जा सकता है। जांच रिपोर्ट में क्या कुछ सामने आया इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
बीत साल चार अप्रैल की इस बहुचर्चित घटना के बाद मामला एसटीएफ को सौंपा गया था। जून माह में एसटीएप ने कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा, निलंबित दरोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय, मनोज अधिकारी के खिलाफ धारा 392, 365, 341,170, 120 बी के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी।
रकम का नहीं हो सका था खुलासा सीसीटीवी फुटेज, डिटेल, लोकेशन व डब्लूआईसी से जुटाए गए दस्तावेजों को आधार बनाया गया था। इस बात का खुलासा नहीं हो सका था कि बैग में कितनी रकम थी। शुरुआती दौर में चर्चा रही की बैग में एक करोड की राशि हो सकती है।
इस तरह मामला हुआ था उजागर
आरोप है कि लोक सभा चुनाव से पहले 4 अप्रैल की रात को सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करते हुए पुलिस कर्मियों ने आचार संहिता की आड़ खुद को स्टेटिक टीम बताकर चैकिंग का झांसा दिया। प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार को चैकिंग के नाम पर डरा कर नोटों से भरा बैग लूट लिया। नौ अप्रैल को डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया। आरोप लगा कि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा के कहने पर पुलिस कर्मियों ने लूट की। तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर जांच एसटीएफ को सौंपी गई। कांग्रेसी नेता सहित तीनों पुलिस कर्मियों को जेल भेजा गया। कुछ ही दिन में एक-एक कर सभी को जमानत मिल गई थी। मुख्य तौर पर चर्चा का विषय ये भी बना रहा था कि एसटीएफ आरोपियों से पूछताछ के दौरान बैग बरामद कर सकी। इस बात का भी खुलासा नहीं किया गया था कि बैग में कितनी रकम थी।एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने इतना बताया है कि जांच रिपोर्ट उनको मिल गई है। परीक्षण किया जा रहा है। रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा।