देहरादून : नशा मुक्ति केंद्र में कुछ बुजुर्ग नशे की वजह से नहीं बल्कि अपनों की बेरुखी की वजह से रहने को मजबूर हो गए। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब जिलाधिकारी के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी सिटी अपनी टीम के साथ देहरादून के अलग-अलग नशा मुक्ति केंद्रों पर छापामारी के लिए पहुंची।
विवादों में रहते हैं नशा मुक्ति केंद्र– नशा मुक्ति केंद्रों की लापरवाही, खामियां, बदइंतजामी किसी से छिपी नहीं है। इस सबके बीच एक मामला ऐसा सामने आया जिसमें बुजुर्ग नशे की वजह से नहीं बल्कि अपनों की बेरुखी की वजह से नशा मुक्ति केंद्रों में रहने को मजबूर है। वीरवार को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी सिटी ने दो नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया तो पता चला कि दो बुजुर्ग नशा मुक्ति केंद्र में सालों से रह रहे है। जिनकों घर भिजवाने के निर्देश दिए गए।
दरअसल, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार के निर्देश पर वीरवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसपी सिटी सरिता डोबाल ने टीम के साथ सहस्त्रधारा रोड़ और राजपुर क्षेत्रों में संचालित नशामुक्ति केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नवतेचना, ब्राइट फ्यूचर और नवकिरन नशामुक्ति केन्द्रों पर छापेमारी की और वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। संचालकों को मानकों के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मिली लापरवाही और गंभीर उस समय हो गई जब ब्राइट फ्यूचर में एक मानसिक रोगी और दो बुर्जुग व्यक्तियों को भी रखा हुआ था। बताया गया कि, इनको इनके परिवार ने ही नशा मुक्ति केंद्र में छोड़ा है। जबकि, दोनों बुजुर्ग नशे के आदी है ही नहीं। इस पर संस्थान और राजपुर थाना पुलिस से कहा गया कि दोनों बुजुर्गों को उनके परिवार तक पहुंचाया जाए। साथ ही नियम का पालन न करने पर विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी भी गयी। मानसिक रूप से विक्षिप्त को परिजनों से संपर्क करते हुए मानसिक चिकित्सालय में स्थानांतरित करवाने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि नशा मुक्ति केन्द्रों पर नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन और सुधार के लिए योजनाओं पर काम किया जा रहा है। केंद्रों के संचालकों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। केन्द्र पर अव्यवस्थाएं होने पर संचालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। एसओपी का पालन कराये जाने के भी निर्देश दिए हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट खुशबू चौहान ने बताया कि बुजुर्ग के बारे में पता किया तो जानकारी मिली की इनके परिवार देहरादून में ही है। बुजुर्ग नशे के आदी नहीं है। बावजूद, नशा मुक्ति केंद्र में छोड़ा गया। नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों को रिश्तेदार बताया गया है लेकिन, नशा मुक्ति केंद्र बुजुर्गों के रहने की जगह नहीं है। निर्देशित किया गया है कि दोनों को उनके घर पहुंचाया जाए। अगर, परिवार वाले रखने से इंकार करते है तो उनके खिलाफ संबंधित नियम के तहत कार्रवाई होगी।
एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि, निरीक्षण के दौरान बुजुर्गों के बारे में पता चला है। पुलिस भी इस मामले में अपने स्तर से जांच कर कार्यवाही करेगी। सीनीयर सिटीजन सेल की जानकारी में भी मामला लाया जा रहा है।