ऑपरेशन कालनेमि के तहत तेज होगी कार्रवाई, एसआईटी गठित
बहरुपियों, ढोंगियों और धर्मांतरण के मामलों पर होगी सख्त कार्रवाई
देवभूमि की आस्था की सुरक्षा के लिए सीएम के निर्देश पर ऑपरेशन कालनेमि को गति
देहरादून, : वास्तविक पहचान छिपाकर समाज में घुलमिल कर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने के साथ ही फर्जीवाड़ा, ठगी, धोखाधड़ी और धर्मांतरण जैसे अपराधों को अंजाम देने वालों पर शिकंजा कसने के लिए ऑपरेशन कालनेमि को और गति दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसआईटी की गठन किया गया। हाल ही में इस अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। देश विरोधी गतिविधि से लेकर धर्मांतरण के इंटरनेशनल कनेक्शन तक सामने आए। देश के अलग अलग राज्यों से लेकर दुबई तक तार जोड़ने पर कार्रवाई की गई। ये ही वजह है कि देवभूमि उत्तराखंड की आस्था की सुरक्षा के लिए सीएम के निर्देश पर एक बार फिर ऑपरेशन कालनेमि को गति दी जा रही है।
रविवार को पटेलनगर भवन में आईजी लॉ एंड आर्डर नीलेश आनंद भरणे ने बीते दिनों चले “ऑपरेशन कालनेमि”के दौरान अब तक की गयी कार्यवाही और अभियान की उपलब्धियों के सम्बन्ध में जानकारी दी। बताया कि प्रदेश में इस अभियान के तहत 5500 से अधिक लोगों का सत्यापन किया। इनमें से 14 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 1182 व्यक्तियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही अमल में लाई गयी है। बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच, ठगी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश और बाहरी तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है। इस दौरान एसएसपी देहरादून अजय सिंह और एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोभाल व एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर मौजूद रहे और उन्होंने कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी। हरिद्वार जिले में अब तक 2704 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया और उनमें से 3 को गिरफ्तार किया गया। देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों का सत्यापन और 5 गिरफ्तारियां की गईं। इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और अन्य जिलों में भी पुलिस द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
इंसेट कुछ सक्सेस स्टोरी दी गई जानकारी–
देश के कई राज्यों से लेकर दुबई तक कनेक्शन–
केस एक—प्रेमनगर थाना क्षेत्र में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम (धर्म परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से सम्बन्धित) मामले में कार्रवाई की गई थी। धर्मांतरण के मामलों में कार्रवाई के दौरान कई बड़े खुलासे हुए थे। पीड़िता का काउसलिंग में पता चला था कि उसकी सोशल मीडिया के माध्यम से किसी आशिया उर्फ कृष्णा से जान पहचान हुई, जो लड़कियों को अपना धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन देती थी। बातों में फंसाकर पैसे व अन्य चीजों का प्रलोभन दिया गया था। फेसबुक के माध्यम से मुलाकात अब्दुल रहमान निवासी मुस्तफाबाद दिल्ली से कराई गई। अब्दुल रहमान ने वादी की बहन पल्लवी को दिल्ली बुलाया जहां अब्दुल रहमान व उसके पुत्र अब्दुल रहीम व अब्दुल्ला ने उसका ब्रेनवॉश कर उसे प्रलोभन दिया और सीएचसी सेंटर दिल्ली पर ले जाकर उसका पता परिवर्तित करा दिया था। अन्य हिन्दू लड़कियों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कार्य करने का कहा। इसी तरह से एक अन्य लड़की निवासी रानीपोखरी का धर्मपरिर्वतन कराने को कहा गया था। लूडो स्टार एप्प डाउनलोड किया जो पाकिस्तानी एप्प था। खेलते हुए पहचान पाकिस्तानी निवासी तहसीन से हुई, जो दुबई में रहता था। तहसीन ने पहचान सुलेमान से करायी जो दिल्ली या देहरादून का रहने वाला था और दुबई में काम करता था। 26 जुलाई 2025 को उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 बनाम अब्दुल रहमान आदि पंजीकृत किया गया था। इस गिरोह के खिलाफ आगरा पुलिस ने भी कार्रवाई की थी और सात लोगों की गिरफ्तारी की गई थी।
–अन्तर्राष्ट्रीय कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-ताहीर का कनेक्शन–
रानीपोखरी थाना– उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम (धर्म परिवर्तन के अन्तरराष्ट्रीय गिरोह से सम्बन्धित) मामले में कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनकी बेटी पिछले कुछ समय से अजीब व्यवहार कर रही थी। शक होने पर पूछताछ की।पता चला कि कुछ मुस्लिम लडके व लड़कियां जबरन उनकी बेटी को बहला फुसलाकर धर्मपरिवर्तन कर मुस्लिम बनाना चाहते है। पैसे व अन्य तरह के लालच दे रहे है। इस मामले में भी अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द पाल सिंह निवासी भगत विहार करावल नगर सहित अन्य की भूमिका मिली थी। इस मामले में नामजद आरोपी अयान जावेद को यूएपीए एक्ट और अन्य मामलों में एटीएस ने गिरफ्तार किया था, जो रांची झारखंड से 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।कि बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल रांची झारखंड में बंद है। बी-वारंट लिया गया है। बताया गया है कि अयान का संबंध अन्तरराष्ट्रीय कट्टरपंथी संगठन एचयूटी (हिज्ब-उत- ताहीर) से है।
— बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी–
थाना सेलाकुई- पहचान छिपाकर देहरादून में अवैध रूप से बंगाली डॉक्टर के रूप में काम कर रहे बांग्लादेशी नागरिक को किया गया गिरफ्तार किया गया। ऑपरेशन कालनेमि के दौरान 31 अगस्त ग्राम कैंचीवाला धूमनगर चौक सेलाकुई से एक बंगाली डॉक्टर अमित कुमार को हिरासत में लिया गया था। पहले उसने अपना नाम अमित कुमार बताया लेकिन, सख्ती से पूछताछ में वास्तविक नाम चयन अधिकारी और मूल रूप से विलेज रोड श्रीपुर सुल्तानपुर पोस्ट ढालग्राम, जेसोर, बांग्लादेश के होने की जानकारी दी। वर्ष 2017-18 में बेनापोल बॉर्डर उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी पासपोर्ट पर भारत आया था।
–पहचान छिपाकर लड़कियों को जाल में फंसाया–
–थाना सेलाकुई- पहचान छिपाकर लड़कियों को अपने जाल में फंसाने वाले इफराज अहमद लोलू निवासी अनंतनाग जम्मू हाल डीबीएस कॉलेज सेलाकुई देहरादून को गिरफ्तार किया गया। पहचान व धर्म छिपाकर लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा रहा था। आरोप है कि अपना धर्म छिपाकर राज आहूजा के नाम से युवतियों को अपनी पहचान बताने और खुद को दिल्ली का निवासी बताते हुए अपनी अमीरी का झूठा झांसा देकर प्रेमजाल में फसाता था।
-फर्जी आईएएस बताकर ठगी
दो अगस्त को टिहरी गढ़वाल के थाना कैम्पटी में शिकायत दी गई थी। बताया गया था कि आईएएस अधिकारी बताकर निर्माणाधीन गैस्ट हाउस का नक्शा पास कराने के नाम पर 2,55,000 रुपये की साइबर धोखाधड़ी की गई थी। इस मामले में आरोपी शाशिचन्द प्रजापति निवासी सराय शेरखा जमताली प्रतापगढ़ हाल किरायेदार प्रयागराज यूपी को गिरफ्तार किया गया था।
-साधु के छद्म भेष में बांग्लादेशी की गिरफ्तारी
सहसपुर से अर्ध नग्न अवस्था में शनि दान बाबा के भेष में बैठे व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई थी। माना जा रहा था कि व्यक्ति शायद दिव्यांग (बोल नहीं सकता) है। भीख मांग कर अपना जीवन यापन कर रहा है। संदेह होने पर पूछताछ की गई। पता चला कि व्यक्ति का नाम रुकन रकब उर्फ शाहआलम निवासी बांग्लादेश है। इस मामले में कार्रवाई की गई और दूतावास के माध्यम से बांग्लादेशी नागरिक होने के पुष्टि हुई थी।
-चमत्कारी उपचार का झांसा देने वाला गिरफ्तार —
हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि तांत्रिक विक्रम निवासी लक्सर हरिद्वार, तांत्रिक संदीप कुमार निवासी दाबकी कला लक्सर हरिद्वार को एक महिला से एक लाख रुपये लेकर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। समस्या दूर करने व औषधि व चमत्कारी उपचार करने के नाम पर धोखाधड़ी कर पैसे हड़प लिये हैं। ऑपरेशन कालनेमी अभियान के तहत दो फर्जी तांत्रिकों की गिरफ्तारी की गई। दूसरा मामला पिरान कलियर में साबिर पाक का सालाना उर्स में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिकों के आने की सूचना पर कार्रवाई की गई थी। बंगाली भाषा बोलने वाले मौहम्मद युसुफ निवासी कलैया बेरिसाल बांलादेश सत्यापन के दौरान हिदासत में लेकर पूछताछ की गई।पता चा कि पूर्व सजायाफ्ता बांग्लादेशी मौहम्मद उज्जल निवासी मासिमपुर थाना दवारा बाजार जनपद सुनमगंज बांग्लादेश को गिरफ्तार किया गया। भारत सरकार की नयी नियमावली के आधार पर दोनों को डिटेंशन सेंटर 40वीं वाहिनी पीएसी में भेजा गया है। बीएसएएफ से तिथि मिलने पर डिपोर्ट कर दिया।
— भगवान शिव का वेश धारण कर घुमते मिला।
हरिद्वार चण्डीघाट क्षेत्र में एक व्यक्ति भगवान शिव का वेश धारण कर घुमते हुए मिला। पूछताछ की तो बहरूपिए ने अपना परिचय दीपक सैनी निवासी सुभाष नगर ज्वालापुर बताया। वह लड़कियों व महिलाओं को शिव भगवान का आशीर्वाद / प्रसाद देकर उनकी मनोकामना पूर्ण होने का आश्वासन दे रहा था।। जांच में पता चला किइस पर पोक्सो अधिनियम में मुकदमा है। वांछित चल रहा है। नाबालिक लड़की को बहला फुसलाकर और झूठे प्रलोभन देकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी है। खुद को परम ज्ञानी और त्रिकालदर्शी शिवभक्त बताकर भोली-भाली महिलाओं और छोटी बच्चियों को बहला फुसला कर व प्रसाद खिलाकर उनके साथ गलत कृत्य करता था। इसके अलावा दहेज अधिनियम सहित अन्य मुकदमे भी दर्ज है। इसके अलावा अन्य बहरुपियों की गिरफ्तारी भी की गई।
–छांगुर बाबा से भी निकला था कनेक्शन–
ऑपरेशन कालनेमि के दौरान हुई कार्रवाई के दौरान प्रेमनगर थाना क्षेत्र से जुड़े धर्म परिवर्तन के मामले में छांगुर बाबा से भी कनेक्शन जुड़ा मिला था। इस मामले में आगरा पुलिस ने गिरफ्तारी की थी। जांच में पता चला था कि धर्म परिवर्तन के लिए छोटी उम्र की लड़कियों को फंसाने के लिए गिरोह सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाती थी। जो लड़की जाल में फंसती थी उसे और लड़कियों को भी शामिल कराने के लिए कहा जाता था।
–ब्रेनवॉश के लिए साहित्य—
बताया गया है कि छोटी उम्र की लड़कियों को जाल में फंसाने के लिए ब्रेनवॉश किया जाता है। इसके लिए उनको कुछ साहित्य भी उपलब्ध कराए जाते थे। जिससे उनका झुकाव इस्लाम धर्म की ओर कराया जाता था। दुबई सहित अन्य देश भेजने और पैसे का झांसा दिया जाता था।
—-ज्यादातर मामलों में सोशल मीडिया का इस्तेमाल—
मामलो की जांच में पाया गया है कि ज्यादातर मामलों में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही साइबर ठगी, धोखाधड़ी, फेक आईडी बनाकर दोस्ती सहित अन्य मामले मिले। ये ही वजह है कि इस तरह के मामलों को भी ऑपरेशन कॉलेनेमि के दायर में लेकर कार्रवाई की जाएगी।
अब तक की उपलब्धियां–
◼ प्रदेश में 5500 से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया है।
◼ 14 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
◼कुल 1182 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई
बयान–
“ऑपरेशन कालनेमि” ने समाज में सकारात्मक संदेश दिया है कि उत्तराखंड पुलिस किसी भी ऐसे तत्व को बख्शने के पक्ष में नहीं है, जो देवभूमि की पवित्रता और जनता की आस्था के साथ छल करता है। उत्तराखंड पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है कि देवभूमि की पवित्र छवि अक्षुण्ण बनी रहे। इस दिशा में प्रदेश के प्रत्येक जिले में सतत निगरानी और सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। संदेश स्पष्ट है कि समाज और संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
नीलेश आनंद भरणे- आईजी लॉ एंड ऑर्डर।
–एसआईटी में ये है शामिल–
आईजी लॉ एंड ऑर्डर नीलेश आनंद भरणे के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है। जिसमें डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर धीरेंद्र गुंज्याल, एसपी इंटेलिजेंस प्रदीप राय, एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर को शामिल किया गया है।
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