विकासनगर, उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। देहरादून जिले के पछवादून क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज बदरीपुर का रिजल्ट इस बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है। इस स्कूल में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं हो सका। जी हां, स्कूल का इंटर का रिजल्ट शून्य रहा है।
रसायन विज्ञान बना सभी छात्रों के लिए सबसे बड़ी चुनौती
राजकीय इंटर कॉलेज बदरीपुर में 12वीं कक्षा के कुल 14 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन सभी छात्र रसायन विज्ञान में फेल हो गए। इस परिणाम ने ना सिर्फ छात्रों और अभिभावकों को हैरान किया, बल्कि स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
10वीं में बेहतर प्रदर्शन, लेकिन 12वीं में चौंकाने वाला नतीजा
वहीं इसी स्कूल में 10वीं कक्षा के 66 छात्रों में से 61 छात्र पास हुए, जो एक बेहतर प्रदर्शन माना जा सकता है। लेकिन 12वीं के परिणाम ने पूरे स्कूल के ऊपर सवालिया निशान लगा दिया है।
शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में विज्ञान विषयों की पढ़ाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई है। न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही प्रयोगशाला जैसी मूलभूत सुविधाएं। अब सवाल यह है कि जब छात्रों को विषय की ठीक से पढ़ाई ही नहीं हुई, तो वे पास कैसे होते?
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की चुप्पी भी चिंताजनक है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए और छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिले, ताकि भविष्य में ऐसी शर्मनाक स्थिति दोबारा न आए।
बदरीपुर इंटर कॉलेज का यह मामला अकेला नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था का आईना है। ज़रूरत है, इस आईने में झांककर सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की।