देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से भू कानून और मूल निवास को लेकर उठ रही मांगों के बीच, एक नई पहल सामने आई है। उत्तराखंड मुस्लिम मंच (मूलनिवासी) ने 24 अक्टूबर को आयोजित तांडव रैली को खुलकर समर्थन दिया है, जो कि इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय की पहली बार सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।
मंच के संस्थापक मैक खान ने कहा कि उत्तराखंड में रह रहे मुस्लिम समुदाय को विभिन्न सरकारों ने हमेशा नजरअंदाज किया है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को भी वही समस्याएं झेलनी पड़ती हैं जो अन्य पहाड़ी निवासियों को। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन और कृषि से जुड़ी चुनौतियों के साथ-साथ, सुरक्षा की चिंता भी उनके जीवन का हिस्सा है।

मैक खान ने राजनीति के जहरीले प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ अस्थाई निवासियों और राजनीतिक हस्तक्षेप ने समुदाय के बीच दरारें पैदा की हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे किसी राजनीतिक दल की बी-टीम बनने से बचें और अपने अधिकारों के लिए एकजुट हों।
उत्तराखंड मुस्लिम मंच ने सभी मूलनिवासी मुस्लिमों से आह्वान किया है कि वे इस आंदोलन में शामिल हों, जिससे भू कानून और मूल निवास के मुद्दे को आगे बढ़ाया जा सके। मंच का मानना है कि यह कदम न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए, बल्कि पूरे राज्य के विकास के लिए आवश्यक है।
मंच ने स्पष्ट किया है कि वे एक गैर-राजनीतिक संगठन हैं और उनका उद्देश्य केवल मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा करना है। इस पहल से यह उम्मीद जगी है कि उत्तराखंड में भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर सकारात्मक बदलाव आ सकता है।