डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी ने किया निरीक्षण, मिली कई खामियां
देहरादून: नशा मुक्ति केंद्र के संचालन और उनकी व्यवस्था को लेकर एक बार फिर लापरवाही, अनियमितता उस समय सामने आई जब जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार के निर्देश पर नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया गया। बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसपी सिटी के नेतृत्व में दो नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया तो एक केंद्र में उपचार के लिए आने वाले चिकित्सकों का एमसीआई का सर्टिफिकेट नहीं दिखाया गया और ना ही भर्ती व्यक्तियों का मेडिकल रिकॉर्ड का विवरण प्रस्तुत किया जा सका। इतना ही नहीं मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थी। इसके अलावा दूसरे नशा मुक्ति केंद्र में मानसिक रोगियों को भी रखा हुआ था।
बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसपी सिटी सरिता डोबाल के संयुक्त नेतृत्व में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की टीम ने एसजी फाउण्डेशन और लाईफ केयर रिहेव सेंटर का औचक निरीक्षण किया। केन्द्र का पंजीकरण, सत्यापन, कांउसिलिंग, चिकित्सकीय जांच, स्टॉफ, क्षमता, मारपीट व उत्पीड़न सहित अन्य बिन्दुओं पर जानकारी ली गई।
नशा मुक्ति केन्द्र लाईफ केयर रिहैब सेंटर का निरीक्षण के दौरान पूर्ण वेंटिलेशन ना होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र के संचालक को केंद्र को बंद करने के निर्देश दिए। केंद्र में भर्ती लोगों के परिजनों से संपर्क करते हुए सभी को घर भेजने की कार्यवाही कर बॉयलॉज के अनुसार संचालित करने के निर्देश दिये। पाया गया कि, नशा मुक्ति केन्द्र बायोलॉज के अनुसार संचालित नहीं हो रहे हैं। केन्द्र पर उपचार के लिए आने वाले चिकित्सकों का एमसीआई का सर्टिफिकेट नहीं दिखाया गया। केंद्र में भर्ती व्यक्तियों का मेडिकल रिकार्ड का विवरण प्रस्तुत न करने और मूलभूत सुविधाएं नहीं पाई गई। नियमानुसार संचालन ना करने पर विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी गयी।
मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को भी रखा-नशा मुक्ति केन्द्र एस.जी फाउंडेशन में मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को भी रखा गया था। केंद्र के संचालक को परिजनों से संपर्क कर मानसिक चिकित्सालय में स्थानांतरित करवाने के निर्देश दिए। पूर्ण चिकित्सकीय जांच, काउंसलिंग सहित पूर्ण विवरण की पत्रावली देने को कहा गया। पाया गया कि केंद्र में पुरुष और महिलाएं रखी गयी है। महिलाओं को अलग भवन में रखने के निर्देश दिए गए।
क्या कहते है डीएम:-नशा मुक्ति केन्द्रों पर नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन किया गया है। सुधार के लिए दीर्घकालीन योजनाओं पर काम किया जा रहा है। केंद्रों के संचालकों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। नशा मुक्ति केन्द्र पर अव्यवस्थाएं मिलने पर सम्बन्धित संचालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।—जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार