उत्तराखंड /देहरादून /।। मां और बेटी सहित चार लोगों को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा का फैसला सुना दिया। दरअसल मामला आत्महत्या के लिए उकसाने के दोष से जुड़ा है।
एक महिला के शादी से पहले प्रेमी के साथ संबंध थे। महिला की शादी हुई तो उसका किसी और के साथ भी चक्कर चलने लगा। इस बात की जानकारी महिला की मां को भी थी। अब इस पूरी कहानी में शादी से पहले वाला प्रेमी और शादी के बाद वाले आशिक के अलावा मां बेटी के साथ चार किरदार हो गए। अब इस पर पांचवा व्यक्ति उस महिला का पति था।
एक दिन महिला के पति ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने की जांच जैसे ही शुरू हुई तो मौके से एक सुसाइड नोट पर मिला।
उस सुसाइड नोट में व्यक्ति ने अपने आत्महत्या की पूरी वजह का खुलासा किया हुआ था। साथ ही अपनी पत्नी और अपनी सास के कारनामों का भी सिलसिले बार खुलासा उस पत्र में किया गया था। पुलिस ने suicide नोट कब्जे में लिया। व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम कराया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जो व्यक्ति मरा यानी कि जिसने आत्महत्या की उसके पिता ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत दी और एक मुकदमा दर्ज कराया।
साल 2014 में हुआ था मुकदमा दर्ज
आज से करीब 9 साल पहले 2014 में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित धारा लगाते हुए कार्रवाई की मामला कोर्ट पहुंचा। लंबी सुनवाई चली और इसके बाद कोर्ट ने मां बेटी सहित चार लोगों को 5-5 साल की सजा का फैसला सुना दिया। यानी की महिला के अलावा महिला की मां और उसके शादी से पहले वाले प्रेमी और शादी के बाद वाले प्रेमी सहित चारों व्यक्तियों को 5-5 साल की कोर्ट में सजा सुनाई है।